Aug 14, 2024, 10:43 PM IST

सावन की पूर्णिमा पर ही क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन?

Nitin Sharma

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करते हैं. वहीं भाई बदले में बहन को उनकी रक्षा करने का वचन देता है.

रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस साल राखी सोमवार 19 अगस्त को मनाया जाएगा.

लेकिन क्या आप जानते है कि राखी हमेशा पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनायी जाती है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. आइए जानते है.

त्रेतायुग में एक दैत्यराजा बलि भगवान विष्णु के परम भक्त थे. एक दिन भगवान विष्णु उनकी परीक्षा लेने के लिए वामनावतार धारण करके उनके दरबार पहुंच गए.

दरबार में बौने ब्राहाण के रूप में उन्होनें राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी, राजा बलि उनका छोटा-सा रूप देखकर तैयार हो गए.

भगवान विष्णु के दो पग में भूमि नाप कर रख देने से राजा बलि को एहसास हो गया कि ये कोई आम ब्राहाण नहीं है. इस पर उन्होनें क्षमा याचना की और पाताल लोक में रहने की विनती की.

भगवान विष्णु ने अपने भक्त की बात मान ली और राजा बलि के साथ पाताल लोक में रहने लगे.

जब देवी लक्ष्मी को ये बात पता चली तो उन्हें चिंता होने लगी और वो परेशान हो गईं. तब नारद मुनि ने माता लक्ष्मी को विष्णु जी को वापस बुलाने के लिए बलि को राखी बांधकर भाई बनाने की सलाह दी.

नारद मुनि का विचार था कि बलि को भाई बनाने के बाद उपहार के रूप में उनसे विष्णु जी को वापस बुला लिया जाएगा.

जब माता लक्ष्मी ने बलि को राखी बांधी उस दिन सावन की पूर्णिमा का दिन था, इसलिए राखी का त्योहार सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है.