Jan 18, 2025, 07:21 PM IST

महाभारत में वृषसेन की मौत पर रोने लगा था कर्ण

Kuldeep Panwar

महाभारत का युद्ध दुनिया में आज तक की सबसे खतरनाक लड़ाई मानी जाती है. इसमें कौरवों और पांडवों की सेनाएं भिड़ी थीं.

महाभारत के युद्ध में कई ऐसी हस्तियों ने भी हिस्सेदारी की थी, जिनके बारे में बेहद कम जानकारी है, लेकिन वे बेहद अहम थे.

ऐसा ही एक योद्धा वृषसेन भी था, जिसका वध महाभारत के युद्ध के 17वें दिन अर्जुन ने किया था और ये देखकर कर्ण बेहद रोया था.

कहते हैं कि वृषसेन महज 19 साल की उम्र में ही महाभारत के युद्ध में उतरा था और अपनी युद्ध कला से सभी को हैरान किया था.

कौरवों की तरफ से लड़ रहे वृषसेन का महाभारत  के दौरान पांचों पांडव भाइयों से अलग-अलग मौके पर युद्ध हुआ था.

अर्जुन के बेटे अभिमन्यु को जिन कौरव महारथियों ने अकेले चक्रव्यूह के अंदर घेरकर मार दिया था, उनमें वृषसेन भी शामिल था.

अर्जुन ने अभिमन्यु का बदला लेने के लिए वृषसेन को भी मारने की प्रतिज्ञा ली थी. इसके चलते महाबली कर्ण चिंता में पड़ गए थे.

दरअसल कर्ण और उनकी पत्नी वृषाली ही वृषसेन के पिता थे. कर्ण का बेटा होने के कारण ही वृषसेन हर युद्धकला का महारथी था.

महाभारत के 17वें दिन अर्जुन ने कर्ण और वृषसेन को युद्ध के लिए ललकारा था. अर्जुन और वृषसेन के बीच भीषण युद्ध हुआ था.

अर्जुन ने वृषसेन का वध चार तीरों से किया था. पहले तीर ने धनुष, दो तीरों ने उसके हाथ काटे, फिर चौथे तीर ने उसे मार दिया था.

कर्ण ने वृषसेन को अर्जुन से बचाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. इस कारण वे उसके वध के बाद गहरी पीड़ा से रोए थे.

DISCLAIMER: यह पूरी जानकारी सामाजिक मान्यताओं व कथाओं पर आधारित है. इसकी सत्यता की पुष्टि DNA Hindi नहीं करता है.