Jul 27, 2024, 01:14 PM IST
महाभारत युद्ध में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, जिसके बाद अर्जुन ने महाभारत के युद्ध में लड़ना शुरू किया.
अर्जुन भगवान कृष्ण के भक्त, मित्र भी थे और हर स्थिति मे उनसे साथ देने का आग्रह करते थे. इस युद्ध में कृष्ण अर्जुन के रथ का सारथी बन उनका मार्गदर्शन किया.
अर्जुन बहुत ही भावुक, निर्मल, करुणा, प्रेम और अपनों के लिए सम्मान रखने वाले योद्धा थे. वह अपने ही भाइयों और रिश्तेदारों से युद्ध नहीं लड़ना चाहते थे.
अर्जुन ने कृष्ण से कहा यह अधर्म है, मैं अपने ही परिवार और रिश्तेदारों के साथ युद्ध कैसे लड़ सकता हूं. मुझसे यह नहीं होगा...
तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश देते हुए कहा कि तुम्हें अपने क्षत्रिय धर्म का पालन करना चाहिए और एक क्षत्रिय की तरह अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए.
इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध भूमि में अर्जुन के टूटे हुए मनोबल को जोड़ने के लिए गीता का उपदेश स्वयं ही दिया.
एक कथा के अनुसार, गीता का ज्ञान प्राप्त करने वाले अर्जुन अकेले नहीं थे. हनुमान जी, संजय और बर्बरीक भी उस वक्त वहां मौजूद थे.
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