Apr 18, 2024, 08:44 AM IST

भगवान शिव के मस्तक पर क्यों विराजते हैं चंद्रमा? जानें इसका रहस्य

Aman Maheshwari

देवों के देव महादेव यानी भगवान शिव का रूप बड़ा ही निराला है. गले में सर्प, एक हाथ में डमरू, दूसरे में त्रिशूल और सिर पर चंद्रमा विराजमान हैं.

क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव के सिर पर चंद्रमा क्यों विराजमान है. वैसे तो इसके बारे में शायद ही किसी को पता हो. लेकिन इस बारे में पुराण में बताया गया है.

शिव पुराण में इसके बारे में बताया गया है कि, शिव जी के मस्तक पर चंद्रमा क्यों विराजमान है. जब समुद्र मंथन के समय विष निकला तो शिव जी ने सृष्टि की रक्षा के लिए विष पी लिया था.

शिव जी के विष पीने के बाद उनका कंठ नीला पड़ गया और शरीर बहुत ज्यादा गर्म हो गया था. उनका कंठ नीला होने की वजह से उन्हें नीलकंठ भी बोलते हैं.

जब शिव जी का शरीर नीला पड़ गया तो सभी देवी-देवता चिंता में आ गए. सभी भोलेनाथ को विष की गर्मी से राहत दिलाने के बारे में सोचने लगे.

श्वेत चंद्रमा बहुत शीतल होता है ऐसे में देवी-देवताओं ने भगवान शिव को मस्तक पर चंद्रमा धारण करने के लिए कहा जिससे शीतलता बनी रहे.

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.