Sep 1, 2024, 09:23 PM IST
महाभारत में संजय को ही युद्ध का वर्णन सुनाने के लिए क्यों चुना गया था?
Smita Mugdha
महाभारत के युद्ध में नेत्रहीन होने की वजह से धृतराष्ट्र ने हिस्सा नहीं लिया था.
धृतराष्ट्र को युद्ध के पल-पल का वर्णन सुनाने के लिए संजय को महर्षि वेदव्यास ने दिव्य दृष्टि दी थी.
क्या आप जानते हैं कि संजय को ही महर्षि वेदव्यास ने इस दिव्य दृष्टि देने के लिए क्यों चुना था?
संजय महर्षि वेद व्यास के शिष्य थे और धृतराष्ट्र की राजसभा में शामिल थे. राजा धृतराष्ट्र उनका सम्मान करते थे.
पौराणिक ग्रंथ और महाभारत की कहानियां बताती हैं कि संजय बेहद विनम्र और धार्मिक स्वाभाव के थे.
संजय को धृतराष्ट्र ने महाभारत युद्ध से ठीक पहले पांडवों के पास बातचीत करने के लिए भेजा था.
संजय धृतराष्ट्र और उनके पुत्रों अधर्म से रोकने के लिये कड़े से कड़े वचन कहने में हिचकते नहीं थे.
उनके इन्हीं गुणों को देखते हुए महर्षि वेदव्यास ने संजय को दिव्य दृष्टि देने के लिए चुना था ताकि वह युद्ध का सटीक वर्णन सुना सकें.
महाभारत के युद्ध के बाद संजय ने संन्यास ले लिया था और वह कुछ सालों बाद तपस्या करने चले गए थे.
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