Nov 18, 2023, 03:22 PM IST

श्रीकृष्ण ने अपने ही बेटे को क्यों बना दिया था कोढ़ी

Kuldeep Panwar

श्रीकृष्ण से जुड़ी बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक कथा उनके द्वारा अपने ही एक बेटे को कोढ़ी बनने का श्राप देने की है. यह श्राप श्रीकृष्ण ने अपने बेटे सांबा को दिया था.

सांबा श्रीकृष्ण और निषादराज जामवंत की बेटी जामवंती का पुत्र था, जिसे कोढ़ी होने का श्राप देने की कथा पाकिस्तान के आदित्य मंदिर और चंद्रभागा नदी से जुड़ी हुई है.

श्रीकृष्ण ने निषादराज जामवंत से एक बहुमूल्य मणि पाने के लिए 28 दिन तक युद्ध किया था. इस युद्ध में श्रीकृष्ण के जीतने पर जामवंत ने मणि देने के साथ ही अपनी बेटी जामवंती को भी उन्हें पत्नी के तौर पर स्वीकारने का आग्रह किया था.

मान्यता है कि जामवंती श्रीकृष्ण की 8 पटरानियों में से एक बनी थीं, जिनसे पैदा हुआ बेटा सांबा इतना सुंदर था कि उसे कामदेव का अवतार माना जाता था. श्रीकृष्ण की बहुत सारी छोटी रानियां भी अपने इस सौतेले बेटे के प्रति आकर्षित रहती थीं.

प्रचलित कथा के मुताबिक, एक दिन श्रीकृष्ण की एक छोटी रानी ने मजाक में सांबा की पत्नी का रूप धरकर उसे आलिंगन कर लिया. ऐसा करते हुए श्रीकृष्ण ने देख लिया और सांबा से नाराज होकर उसे कोढ़ी होने का श्राप दे दिया.

श्रीकृष्ण के श्राप से सांबा के कोढ़ी होने पर उन्हें मजाक की जानकारी दी गई, तब उन्होंने सांबा को महर्षि कटक के पास जाने को कहा. महर्षि कटक ने सांबा को सूर्यदेव की उपासना करने को कहा.

 महर्षि कटक की बात मानकर सांबा ने चंद्रभागा नदी के किनारे मित्रवन में सूर्यदेव का मंदिर बनाकर 12 साल तक तपस्या की थी. इससे उनका कोढ़ ठीक हो गया था.

 सांबा का बनाया यह सूर्य मंदिर आज भी पाकिस्तान के मुल्तान में आदित्य मंदिर के नाम से मौजूद है. हालांकि इस्लामी उपद्रवियों ने इसे ध्वस्त कर दिया है और अब इसके खंडहर ही बचे हैं.

मुल्तान के किनारे मौजूद चंद्रभागा नदी को भी सांबा के कारण ही पवित्र माना जाता है. सांबा को कोढ़ ठीक होने के बाद से ही मान्यता है कि इस नदी में स्नान करने से कोढ़ ठीक हो जाता है.