Jan 17, 2024, 08:56 AM IST

वनवास से अयोध्या पहुंचने की भगवान राम को क्यों थी जल्दी?

Ritu Singh

 यदि राम 14 वर्ष के वनवास के अंत में अयोध्या नहीं पहुंच पाते तो उन्होंने एक भाई खो दिया होता.

पुराणों के अनुसार, कैकेयी ने भरत को राजा बनाने के लिए दशरथ से राम को 14 वर्ष के लिए वनवास भेजने का वचन लिया था. लेकिन राम के वनवास जाने के बाद भरत ने राजा बनने से इनकार कर दिया.

उन्होंने राम के जूते सिंहासन पर रखे और उनकी अनुपस्थिति में राज्य पर शासन किया. भरत ने प्रतिज्ञा की कि यदि राम अपने 14 वर्ष के वनवास के अंत में अयोध्या नहीं लौटे तो वह मर जायेंगे. राम अपने अनुज के इस वचन से परिचित थे.

इसलिए समय पर अयोध्या पहुंचना जरूरी हो गया. पहले हनुमान राम के आगमन का संदेश लेकर अयोध्या के लिए रवाना हो गए थे, ताकि भरतजी को भगवान के आने का संदेश दे सकें.

अपने भाई की इच्छा पूरी करने के लिए राम ने लंका से अयोध्या तक की दूरी तय करने में काभी वक्त लगता. इसलिए विभिषण ने भगवान को कुबेर का पुष्पक विमान दिया था.

रावण ने यह विमान अपने भाई कुबेर से लिया था। सीता का हरण कर वह उन्हें इसी विमान से लंका ले आया था.

पुष्पक विमान की सहायता से राम समय पर अयोध्या पहुंच गए थे और भरत जी के प्राण भी बच गए.