May 10, 2024, 09:20 PM IST
दुनिया का वो इकलौता धर्म, जिसका न कोई ग्रंथ है और न गुरु
Rahish Khan
जहां धर्मों को लेकर दुनियाभर में कट्टरता बढ़ती जा रही है. वहीं एक नए धर्म की एंट्री ने सबको चौंका दिया.
इस नए धर्म का नाम अब्राहमी है, जो 2020 में अस्तित्व में आया. हालांकि, इसको लेकर विवाद जारी है.
जानकारों का कहना है कि मुस्लिम देशों का इजरायल से संबंधों को बढ़ाने के लिए इस धर्म का ईजाद किया गया.
दरअसल, यूएई, बहरीन और इजरायल के बीच संबंध सुधारने के लिए एक समझौता हुआ था.
इस समझौते को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकार जेरेड कुशनर ने करवाया था.
उसे अब्राहम समझौता नाम दिया था. जिसका मकसद इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म के बीच समानता को देखते हुए आपसी मतभेद को मिटाना था.
सितंबर 2020 में इसे अब्राहम धर्म (Abrahamic religions) कहलाए जाने लगा. हालांकि ये एक कागजी लिखापढ़ी थी. न की पूरी तरफ धर्म.
हर धर्म में अपना ग्रंथ होता है, लेकिन इस धर्म का न तो कोई ग्रंथ है और न ही इसका कोई गुरु होता है.
इसे राजनीतिक धर्म बताया जा रहा है. इस्लामी धर्मगुरुओं का कहना है कि इस धर्म के जरिए इस्लामी एकता तोड़ने की कोशिश हो रही है.
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