May 27, 2024, 08:33 PM IST

युधिष्ठिर का दिया वो श्राप जिसे आज भी भुगत रही हैं महिलाएं

Rahish Khan

महाभारत युद्ध के दौरान ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिनका असर आज भी देखने को मिलता है. 

इनमें से एक था युधिष्ठिर का महिलाओं को दिया गया श्राप. उन्होंने अपनी मां कुंती को यह श्राप दिया था.

दरअसल, महाभारत का युद्ध जीतने के बाद युधिष्ठिर युद्ध में मारे गए अपने परिजनों और रिश्तेदारों का तर्पण कर रहे थे.

इस दौरान देवऋषि नारद ने युधिष्ठिर से पूछा कि क्या आप दुर्योधन को हराकर और धर्म की विजय पाकर प्रसन्न नहीं हैं.

इस सवाल का जवाब देते हुए युधिष्ठिर ने कहा कि अभिमन्यु की मृत्यु से जो दुख द्रौपदी को मिला उसे देखकर में इसे जीत नहीं मानता.

उसी दौरान माता कुंती पहुंच गई और युधिष्ठिर से कहा कि 'कर्ण के नाम से भी तर्पण करो, ताकि उसकी आत्मा को भी मोक्ष की प्राप्ति हो.'

माता कुंती की यह बात सुनकर युधिष्ठिर विचलित हुए और सवाल किया कि आप दुश्मन की मौत पर क्यों विलाप कर रही हैं.

तभी कुंती ने अपने अंदर छुपाए राज को उजागर किया. कुंती ने युधिष्ठिर को बताया कि कर्ण तुम्हारा दुश्मन नहीं था, बल्कि वो तुम लोगों को बड़ा भाई था.

माता कुंती ने बताया कि ऋषि दुर्वासा के एक मंत्र और वरदान से कैसे उसे कर्ण पुत्र की प्राप्ति हुई थी और बाद में उसे नदी में बहा दिया था.

मां कुंती की यह बात सुन युधिष्ठिर क्रोध में आ गए और अपनी मां से कहा कि आपने इतनी बड़ी बात छिपाकर हमको अपने बड़े भाई का हत्यारा बना दिया.

युधिष्ठिर ने क्रोध में आकर अपनी मां कुंती समेत पूरी नारी जाति को श्राप दिया कि वे चाहकर भी कोई भी बात अपने दिल में नहीं छिपा सकेंगी.

कहतें हैं इस श्राप की वजह से महिलाएं आज भी राज की बातें अपने मन में दबाकर नहीं रख पाती हैं.