राजस्थान का झीलों का शहर उदयपुर अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है.
इस खूबसूरत शहर में सिटी पैलेस स्थित है, जो इन दिनों महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच विवाद का केंद्र बन गया है.
आइए यहां जानें सिटी पैलेस से जुड़ी 10 बड़ी बातें.
उदयपुर का सिटी पैलेस राजस्थान के सबसे शानदार महलों में से एक है. इस शानदार महल की नींव महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने 16वीं शताब्दी में रखी थी.
चित्तौड़गढ़ किले पर हमलों के बाद, महाराणा उदय सिंह ने एक नई राजधानी बनाने का फैसला किया और इस उद्देश्य के लिए उन्होंने उदयपुर की स्थापना की.
यह महल राजपूत, मुगल और यूरोपीय वास्तुकला का अद्भुत मिश्रण है. इसकी नक्काशी, कांच का काम और रंगीन पेंटिंग इसे एक अनूठा रूप देते हैं.
सिटी पैलेस दरअसल कई छोटे महलों का समूह है. हर महल की अपनी कहानी और महत्व है.
सिटी पैलेस में एक धूणी भी है, जिसे साधु प्रयाग गिरी महाराज ने स्थापित किया था. यह धूणी मेवाड़ राजवंश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
उदयपुर सिटी पैलेस का निर्माण महाराणा उदय सिंह द्वितीय के शासनकाल में शुरू हुआ था, जिसे बाद में उनके उत्तराधिकारियों ने 400 साल में इसे पूरा किया.
यह सिटी पैलेस मेवाड़ राजवंश की शानदार विरासत का प्रतीक है. इस महल का निर्माण 22 शासकों ने करवाया था. उदयपुर को भारत का वेनिस भी कहा जाता है.
हाल ही में महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच सिटी पैलेस को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. यह विवाद मुख्य रूप से सिटी पैलेस पर अधिकार को लेकर है.
महाराणा प्रताप के वंशजों में यह परंपरा रही है कि वे सिटी पैलेस में धूणी माता के दर्शन करने जाते हैं. लेकिन, वर्तमान में सिटी पैलेस पर अरविंद सिंह मेवाड़ का कब्जा है. इस विवाद के कारण महाराणा प्रताप के वंशजों में तनाव है.