प्राण प्रतिष्ठा से पहले जमीन पर क्यों सो रहे हैं पीएम मोदी
Kuldeep Panwar
अयोध्या में 550 साल बाद राम मंदिर के चबूतरे पर फिर से रामलला विराजमान हो गए हैं. रामलला की 200 किलोग्राम की मूर्ति स्थापित कर दी गई है, जो अभी कपड़े में लिपटी हुई है.
राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में होगी, जिससे जुड़ी तैयारियां और अनुष्ठान इस समय चल रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 22 जनवरी को होने वाले समारोह के यजमान हैं और इसी कारण वे 11 दिन लंबे यम-नियम अनुष्ठान के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी यम-नियम अनुष्ठान को लेकर ग्रंथों में बताई गई सभी विधियों का पालन कर रहे हैं. 12 जनवरी को शुरू हुआ यह अनुष्ठान 22 जनवरी को समारोह पूरा होने तक चलेगा.
प्रधानमंत्री मोदी इस अनुष्ठान के तहत जमीन पर महज कंबल बिछाकर सो रहे हैं और पूरा दिन व्रत रख रहे हैं, जिसमें वह महज नारियल पानी का ही सेवन कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने 12 जनवरी को खुद यह अनुष्ठान शुरू करने की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने खुद को भाग्यशाली बताया था कि भगवान ने उन्हें सभी भारतीयों का प्रतिनिधि बनकर इस ऐतिहासिक पल पर मौजूद रहने का मौका दिया है.
यम-नियम के तहत 11 दिन तक बेहद कठिन दिनचर्या का पालन करना पड़ता है, जिसमें योग, ध्यान के साथ ही कई बातों में संयम रखना पड़ता है.
पीएम मोदी पहले ही कई नियमों का अपने जीवन में नियमित रूप से पालन करते हैं, जिनमें सुबह सूरज उगने से पहले उठना, योग करना व सात्विक खाना ही इस्तेमाल करना आदि शामिल है.
22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन में पीएम मोदी मुख्य अतिथि रहेंगे. इसी आयोजन के साथ मंदिर का उद्घाटन भी होने जा रहा है.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए देश-विदेश से करीब 7,000 अतिथियों को न्योता दिया गया है. समारोह के लिए अयोध्या को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाया जा रहा है.