Aug 17, 2024, 09:51 AM IST
बेहद घिनौनी है बच्चा बाजी कुप्रथा
Aditya Prakash
बच्चा बाजी कुप्रथा का चलन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के इलाकों में है.
इसके सबसे ज्यादा शिकार 8 साल से 16 साल की कम उम्र के लड़के होते हैं.
इन बच्चों को पुरषों के द्वारा यौन गुलाम बना लिया जाता है, फिर वो इनका यौन शोषण करते हैं.
इसे बच्चा बरीश भी कहा जाता है. इसमें वो बच्चे शिकार बनते हैं जिनकी दाढ़ी न आई हो.
बच्चों की जब दाढ़ी आने लगती है, तब उन्हें वापस छोड़ दिया जाता है.
माना जाता है कि वहां इस कुप्रथा की शुरुआत 9वीं या 10वीं शताब्दी में हुई थी.
कई बच्चे इस कुप्रथा की जद में आकर कम उम्र में यौन बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. वहीं, कई बच्चे नशे की गिरफ्त में आ जाते हैं.
अफगानिस्तान की सरकार ने साल 2017 में बच्चा बाजी को अवैध घोषित कर दिया था. तालिबान प्रशासन ने भी इसे बैन किया हुआ है.
बावजूद इसके बच्चा बाजी कुप्रथा आज भी वहां पर्दे के पीछे से बदस्तूर जारी है.
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