Nov 22, 2023, 02:12 PM IST

शायरी में गालिब को टक्कर देता था ये मुगल बादशाह

DNA WEB DESK

मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर, बेहतरीन शायर थे.

वे मुगलवंश के आखिरी शासक थे.

उन्होंने कलम से लेकर तलवार तक बाखूबी चलाया.

साल 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व किया था.

उनकी शायरी है, 'औरों के बल पे बल न कर इतना न चल निकल, बल है तो बल के बल पे तू कुछ अपने बल के चल.'

दौलत-ए-दुनिया नहीं जाने की हरगिज़ तेरे साथ, बाद तेरे सब यहीं ऐ बे-ख़बर बट जाएगी.

मिर्जा गालिब, इन्हीं की सल्तनत के शायर थे.

मिर्जा गालिब ने एक बार तो बादशाह को सुना भी दिया था, 'हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है.'