Oct 27, 2023, 08:38 PM IST
पांचों पति के लिए नहीं सिर्फ अर्जुन के लिए द्रौपदी रखती थीं करवा चौथ का व्रत
DNA WEB DESK
करवा चौथ का व्रत अब देश के छोटे से हिस्से में नहीं बल्कि लगभग पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है.
करवा चौथ व्रत करने की कई पौराणिक कथाएं हैं और ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती समेत कई देवियों ने यह कठिन व्रत किया था.
ऐसी मान्यता है कि द्वापर युग में द्रौपदी ने करवा चौथ का व्रत खास तौर पर अर्जुन के लिए किया था.
अपने पांचों पतियों में द्रौपदी सबसे करीब अर्जुन के ही थीं और उन्हें अपना सबसे अच्छा मित्र भी मानती थीं.
पांडव जब नीलगिरी पर्वत पर रह रहे थे तो उन्हें खराब मौसम और कठिन परिस्थितियों की वजह से लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.
ऐसे में खास तौर पर द्रौपदी ने अर्जुन के सभी विघ्नों को खत्म करने की प्रार्थना करते हुए करवा चौथ का व्रत रखा था और चांद की पूजा की थी.
एक बार यह व्रत शुरू करने के बाद द्रौपदी ने नियम पूर्वक हर साल करवा चौथ का व्रत अपने पतियों के दीर्घायु होने की कामना के साथ किया था.
सुहागन महिलाएं हर साल कार्तिक मास में चतुर्थी की तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत अपने पति के लिए करती हैं जिसमें चांद की पूजा होती है.
इस व्रत में दिन भर उपवास करने के बाद शाम को चांद देखने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं और पानी पीती हैं.
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