Mar 8, 2024, 06:28 PM IST

यहां सैलरी की जगह मिलता था लहसुन

Kuldeep Panwar

लहसुन की चर्चा आजकल हर भारतीय घर में हो रही है. कारण है इसके दामों का आसमान छूना. लहसुन की कीमत 500 रुपये किलो तक 

लहसुन भारतीय खानपान का अहम हिस्सा है. इसे स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद गुणकारी माना गया है. इस कारण हर भारतीय रसोई में यह मौजूद है.

क्या आप जानते हैं कि लहसुन को एक देश में इतना कीमती माना जाता था कि मजदूरों को वेतन की जगह लहसुन की थैलियां ही दी जाती थीं.

हम बात कर रहे हैं मिस्र यानी EGYPT की, जहां लहसुन की खास अहमियत थी और इसे बेहद कीमती माना जाता था.

मिस्र के पिरामिड आज भी पूरी दुनिया में मशहूर हैं. इन विशाल पिरामिडों को बनाने के लिए वहां के शासकों ने हजारों मजदूर काम पर लगाए थे.

पिरामिड बनाने वाले मजदूरों को कड़ी मेहनत के बदले खुश रखने के लिए राजा वेतन के तौर पर उन्हें लहसुन की थैलियां देते थे.

मजदूर बाजार में जाकर लहसुन को बेच देते थे और बदले में दुकानदार से अपनी जरूरत का सारा सामान खरीद लिया करते थे.

मिस्र के पिरामिडों में दफन ममी भी पूरी दुनिया में चर्चित हैं. इन्हें दफनाने की प्रक्रिया में भी लहसुन एक अहम हिस्सा थे.

मिस्र के लोग अपने प्रियजनों को ममी बनाने के लिए उनके शरीर पर लेप करते समय उसमें लहसुन को भी रखकर संरक्षित करते थे.

ममी के साथ रखने के लिए लहसुन के गुच्छे तैयार किए जाते थे, जो समाज में मरने वाले की हैसियत दिखाते थे. समाज में मरने वाले की जितनी बड़ी हैसियत होती थी, उतना बड़ा गुच्छा रखा जाता था.

मिस्र की सबसे प्रसिद्ध ममी तूतेनखामेन की है, जिसके साथ 1325 ईसापूर्व का लहसुन भी कब्र में संरक्षित पाया गया है.