Feb 10, 2024, 07:52 PM IST

कौन थे महाभारत के 10 सबसे बड़े योद्धा?

Kuldeep Panwar

महाभारत के युद्ध को इतिहास में सबसे खतरनाक और बड़ा महायुद्ध माना जाता है. बताया जाता है कि महज 18 दिन के युद्ध में करोड़ों योद्धा मारे गए थे.

महाभारत के युद्ध में पूरे ब्रह्मांड के योद्धा शामिल हुए थे. इनमें से 10 सबसे ज्यादा शूरवीर और बहादुर योद्धा कौन से थे, चलिए हम आपको बताते हैं.

भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध में हथियार नहीं उठाने की कसम ली थी. वे केवल अर्जुन के रथ के सारथी के तौर पर शामिल हुए थे. फिर भी उन्हें ही पांडवों की जीत का मास्टरमाइंड माना जाता है.

कर्ण को उस समय का सबसे बहादुर योद्धा माना जाता है. उन्होंने अर्जुन को छोड़ बाकी सभी पांडव भाइयों को हराया भी था. अर्जुन से उन्हें श्रीकृष्ण की चतुराई और श्राप के कारण हार मिली थी.

पांडवों में तीसरे नंबर के अर्जुन निर्विवादित तौर पर महाभारत काल के सबसे बड़े धनुर्धर थे, जो आंख बंद करके भी सटीक निशाना लगा सकते थे. पांडवों की जीत का कारण उन्हें ही माना जाता है.

भीष्म पितामह कौरवों-पांडवों के रिश्ते में दादा थे. बेहद वीर भीष्म को अर्जुन भी तभी हरा सके थे, जब उन्होंने ट्रांसजेंडर शिखंडी की आड़ ली, जिसे देखकर भीष्म ने अपने धनुष-बाण रख दिए थे.

पांडवों में दूसरे नंबर के भाई भीम में 10 हजार हाथियों के बराबर ताकत मानी जाती थी. गदा युद्ध में महारथी भीम ने ही दुर्योधन समेत सभी कौरव भाइयों का वध किया था.

गुरु द्रोणाचार्य ने कौरवों-पांडवों को शस्त्र चलाने सिखाए थे. उनकी वीरता से देवता भी घबराते थे. भीष्म पितामह के शरशैय्या पर जाने के बाद उन्हें ही कौरव सेना का सेनापति बनाया गया था.

भीम पुत्र घटोत्कच अपनी मां हिडिम्बा के कारण आधे इंसान और आधे मायावी राक्षस थे. घटोत्कच इतने वीर और शक्तिशाली थे कि कर्ण को उनका वध करने के लिए अमोघ शक्ति चलानी पड़ी थी.

दुर्योधन कौरव भाइयों में सबसे बड़े थे, जिनके कारण पूरा महाभारत युद्ध हुआ था. दुर्योधन दुष्ट स्वभाव के थे, लेकिन गदा युद्ध में वे अपने समय के सबसे बड़े योद्धा थे.

युधिष्ठर पांडव भाइयों में सबसे बड़े थे. केवल सच बोलने के कारण उन्हें धर्मराज कहा जाता था. बेहद बुद्धिमान युधिष्ठिर भी बेहतरीन धनुर्धर और नेतृत्वकर्ता थे.

अर्जुन पुत्र अभिमन्यु को महाभारत का सबसे वीर योद्धा माना जाता है. कौरवों के चक्रव्यूह में अकेले घुसकर एकसाथ 7-7 महारथियों का सामना करने वाले अभिमन्यु को धोखे से मारा गया था.