Feb 4, 2024, 08:07 PM IST

किस बादशाह को था तवायफों से इश्क, नाम सुन कांपते थे लोग

Abhishek Shukla

मुगल बादशाह अकबर, तवायफों की बेहद इज्जत करते थे.

उनके काल में नर्तकियों को तवायफ और कंजरी कहते थे.

अकबर को यह पसंद नहीं था. अकबर उन बादशाहों में से एक थे, जिनके नाम से हिंदू राजाओं को डर लगता था.

उन्होंने आदेश दिया कि कंजरी नहीं, उन्हें कंचनी कहा जाए.

कंचन का अर्थ होता है सोना. कंचनी का अर्थ होता है सुनहरी.

गायन और नृत्य में कुशल इन कलाकारों को अकबर ने कंचनी नाम दे दिया.

तवायफों को अकबर के काल में सामाजिक स्वीकृति मिली थी.

अकबर के दरबार में पुरुष वाद्ययंत्र बजाते थे और नृत्यांगनाएं नाचती-गाती थीं.

नॉच गर्ल्स ऑफ इंडिया में इन बातों का जिक्र है.