Sep 23, 2023, 09:21 PM IST
भारत का इतिहास तमाम कहानियों से भरा हुआ है. इतिहास के पन्नों में एक ऐसी खूनी कहानी भी दर्ज है, जहां सत्ता हासिल करने के लिए एक भाई ने ही दूसरे भाई की जान ले ली.
शाहजहां के 4 बेटे थे. इनमें सबसे बड़ा था दाराशिकोह. वो शाहजहां का चहेता था. चारों भाइयों में गद्दी को लेकर आपसी रंजिश न हो इसलिए बादशाह ने चारों भाइयों को अलग-अलग सूबों की कमान दे दी.
इसके बाद मई 1658 में दारा शिकोह और औरंगजेब के बीच ज़ंग हई. औरंगज़ेब ने दारा शिकोह को परिवार सहित कैदख़ाने में डाल दिया.
इतिहासकार निकोलाओ मनूची ने अपनी किताब ‘स्टोरिया दो मोगोर’ में बताया है कि दारा शिकोह को मारने के लिए औरंगज़ेब ने अपने सैनिक कैदख़ाने में भेजे.
बताया जाता है कि उस समय कैदखाने में दाराशिकोह अपने बेटे के साथ खाना बना रहा था. सैनिकों ने उसी समय दारा शिकोह की गर्दन बेहरहमी से काटकर उसके बेटे के सामने ही हत्या कर दी.
इसके साथ एक पत्र में लिखा कि तोहफा कबूल करें. आपका बेटा आपको भूला नहीं है. शाहजहां ने इसे देखते ही खुशी जताते हुए कहा कि खुदा का शुक्र है कि औरंगजेब को अपना पिता याद है.
शाहजहां होश में आने पर वो इतना दुखी हुआ कि अपने दाढ़ी के बाल तब तक नोंचता रहा. जब तक उसके चेहरे से खून ना निकलने लगा.