Nov 1, 2023, 12:38 AM IST

मुगल बादशाह की मौत के बाद हिंदू बन गई थी ये बेगम

Kuldeep Panwar

मुगल भी अन्य मुस्लिम आक्रमणकारियों की तरह बाहर से भारत आए थे, लेकिन वे उनकी तरह यहां से वापस नहीं गए और एक बड़े साम्राज्य की स्थापना की थी.

मुगलों ने अपने साम्राज्य को मजबूत बनाने के लिए हिंदू राजाओं की बेटियों से निकाह कर उनके साथ पारिवारिक रिश्ते बनाए ताकि ये राजा उन पर एकजुट होकर हमला ना कर सकें.

अकबर से इन शादियों की शुरुआत हुई थी, जो आगे भी चलती रही थीं. मुगल बादशाहों और हिंदू राजकुमारियों की शादी का यह सिलसिला 10वें मुगल बादशाह फरुर्खसियर तक चला था.

फरुर्खसियर की शादी मारवाड़ के राजा अजीत सिंह की बेटी इंदिरा कंवर से हुई थी, जो मुगल बादशाहों और हिंदू राजकुमारियों में आखिरी शादी थी यानी इसके बाद ऐसी शादी नहीं हुई.

राजा अजीत सिंह की फरुर्खसियर से तगड़ी दुश्मनी थी. दोनों के बीच कई युद्ध भी हुए, लेकिन हालात ऐसे बदले कि उन्हें अपनी बेटी की शादी मुगल बादशाह से करनी पड़ी थी.

फरुर्खसियर ने इंदिरा कंवर का धर्म परिवर्तन कराकर उसे मुस्लिम बनाया और इसके बाद शरीयत के तहत उसके साथ निकाह किया था. निकाह में 1 लाख सोने के सिक्कों का मेहर तय किया गया था.

बेटी की शादी करने के बावजूद राजा अजीत सिंह मुगल बादशाह से अदावत नहीं भूले. इसलिए शादी के कुछ साल बाद ही अजीत सिंह ने दिल्ली पर हमला कर दिया था.

लाल किले पर हमले के दौरान फरुर्खसियर बचने के लिए बेगमों के हरम में छिप गया था, लेकिन उसे वहां से तलाशकर त्रिपोलिया गेट के एक छोटे कमरे में बंद कर दिया था. इसी कमरे में सुएं से उसकी आंखें फोड़कर उसे मार दिया गया.

फरुर्खसियर की मौत के बाद इंदिरा कंवर ने दोबारा हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया था और अपने मायके लौट आई थीं. इंदिरा ने अपनी सारी संपत्ति भी जोधपुर की जनता के नाम कर दी थी.

हिंदू राजकुमारी के मुगल बेगम बनकर इस्लाम ग्रहण करने के बाद दोबारा हिंदू बनने की यह इकलौती घटना है. साल 1696 में जोधपुर में जन्मी इंदिरा का निधन 1763 में जोधपुर में ही हुआ था.