Jan 22, 2025, 09:04 AM IST
ताजमहल को दुनिया भर में प्रेम का प्रतीक माना जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस भव्य इमारत के निर्माण के लिए जमीन कहां से आई?
यह सवाल आज भी इतिहास प्रेमियों के लिए उत्सुकता का विषय है. इस जमीन का असली मालिक कौन था, इसका खुलासा धीरे-धीरे हुआ है.
ताजमहल की जमीन को लेकर मुगलों और राजपूतों के बीच समझौते का एक अनोखा किस्सा इतिहास के पन्नों में दर्ज है.
ताजमहल की जमीन राजस्थान में आमेर के कछवाहा राजपूतों की जायदाद थी.
मुगल बादशाह शाहजहां ने यह जमीन खरीदने के लिए आमेर के राजाओं को चार हवेलियां दी थीं
आमेर के कछवाहा राजाओं की यह भूमि, जिसे ताजमहल के लिए चुना गया, पहले उनकी एक खास जायदाद थी.
शाहजहां ने इस भूमि को खरीदने के लिए विशेष समझौता किया था, जिसे इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जाता है.
यह सिर्फ एक प्रेम की निशानी नहीं, बल्कि राजाओं और बादशाहों के बीच की कूटनीति का भी प्रतीक है.
. (Disclaimer: यह खबर मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है DNA हिंदी इसका पुष्टि नहीं करता है.)