May 24, 2024, 06:09 PM IST
IAS Officer सविता प्रधान की कहानी लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है.
सविता का जन्म मध्य प्रदेश के मंडी गांव के एक आदिवासी परिवार में हुआ था. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी.
स्कूल से मिलने वाली स्कॉलरशिप की मदद से उन्होंने अपनी 10वीं की पढ़ाई पूरी की और वो 10वीं पास करने वाली अपने गांव की पहली लड़की बनीं.
सविता अपनी शिक्षा पूरी कर ही रहीं थी कि उनकी शादी एक बहुत अमीर परिवार में हो गई.
शादी के कुछ समय बाद ही उन्हें ससुराल में नौकरों की तरह ट्रीट किया गया और उसके साथ मारपीट भी हुई.
दो बच्चे होने के बावजूद भी ससुराल के द्वारा उसके साथ मारपीट और उत्पीड़न का सिलसिला चालू था.
इससे तंग आकर उन्होंने आत्महत्या करने का फैसला किया लेकिन बच्चों का ख्याल आते ही उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया.
इसके बाद उन्होंने घर छोड़ने का निर्णय लिया और दोनों बच्चों को लेकर चली गईं.
बच्चों की परवारिश के लिए उसने ब्यूटी सैलून में काम किया और इसके साथ BA in Public Administration की डिग्री हासिल की.
जिसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसिस में प्रयास किया और पहले ही अटेम्प्ट में उसे पास किया.
IAS Officer सविता प्रधान के जज्बे को हमारा सलाम रहेगा.