Sep 15, 2024, 04:24 PM IST
यहां के ब्राह्मणों का सरनेम है 'Khan'
Aditya Prakash
मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के इलाकों में 'खां' या 'खान' सरनेम बेहद लोकप्रिय है.
मौजूदा दौर में इसकी पहचान मुसलमानों में एक प्रचलित सरनेम के तौर पर होती है.
वैसे इस सरनेम की शुरुआत मंगोलों से हुई थी. चेंगेज खान जैसे मंगोल सम्राटों ने इसे दूसरी दुनिया में फैलाया.
इस सरनेम को लेकर एक रोचक बात ये है कि भारत के हिंदू समुदाय में ब्राह्मण तबके के लोग भी इसका इस्तेमाल करते हैं.
बिहार के सहरसा जिले में स्थित बनगांव में वहां के खास मैथिल ब्राह्मण तबके में इस सरनेम का प्रयेग होता है.
दरअसल मुगलों ने इनकी बहादुरी से प्रभावित होकर इन्हें ये सरनेम दी थी.
'खां' वाले ये मैथिल ब्राह्मणों की पहचान इलाके में एक बड़े जमींदार की रही है.
'खां' सरनेम वाले मौथिल ब्राह्मणों का गोत्र कात्यायन है.
ये सभी स्वयं को कात्यायन ऋषि की संतान कहते हैं.
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