दुनिया के लिए गेम-चेंजर साबित हुए ये 5 भारतीय आविष्कार
Raja Ram
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर भारत के कुछ महान आविष्कार न होते, तो क्या आज की दुनिया वैसी होती जैसी हम जानते हैं?
भारत में हुए कुछ आविष्कारों ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पूरी दुनिया को नया रास्ता दिखाया. इनमें से कुछ आविष्कार तो कई सदियों पहले हुए थे.
आधुनिक विज्ञान की नींव रखने वाले कई आविष्कार भारतीयों की बुद्धिमत्ता का परिणाम हैं आइये, जानते हैं कुछ प्रमुख आविष्कारों के बारे में.
भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट ने शून्य का आविष्कार किया, जिसने गणित और विज्ञान में क्रांति ला दी. शून्य की अवधारणा ने गणना की दिशा पूरी तरह से बदल दी और यह आज भी हर वैज्ञानिक सिद्धांत का हिस्सा है.
2800 साल पहले महर्षि सुश्रुत ने मोतियाबिंद की सर्जरी की विधि का आविष्कार किया, जिसे आज भी चिकित्सा के क्षेत्र में अत्याधुनिक माना जाता है.
आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली का आविष्कार किया, जो आज विज्ञान, इंजीनियरिंग, वाणिज्य और वित्त के प्रमुख क्षेत्रों में इस्तेमाल होती है.
शतरंज, जिसे पहले 'चतुरंग' कहा जाता था, भारत में उत्पन्न हुआ था. इस खेल ने न केवल मानसिक खेलों का मानक तय किया, बल्कि आज यह दुनिया के सबसे प्रमुख खेलों में से एक है.
सिंधु घाटी सभ्यता में शैंपू का आविष्कार हुआ था, जो आज के व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों के रूप में इस्तेमाल होता है. यह एक महत्वपूर्ण भारतीय योगदान था जो आज हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुका है.
भारत ने विश्व को कई ऐसे अविष्कार दिए हैं, जिनकी बदौलत विज्ञान और समाज के विकास में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं. शून्य से लेकर शैंपू तक, इन भारतीय आविष्कारों ने दुनिया का रूप बदल दिया है.
(Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, DNA हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है).