Mar 14, 2024, 12:13 AM IST

खुद को राजा कहलवाती थी ये रानी, कांपते थे नाम से लोग

Kuldeep Panwar

दुनियाभर में पुरुष को ही हमेशा राजा बनने के योग्य माना जाता रहा है, लेकिन एक रानी ने इस परंपरा को चुनौती दी थी और खुद को राजा कहलवाना शुरू किया था.

मिस्र की रानी हैत्शेप्सु के बारे में आपने शायद ही सुना होगा, क्योंकि बाद में राजाओं ने उनका नाम ही इतिहास के पन्नों से मिटाने की कोशिश की है.

आज हम आपको मिस्र की पहली महिला Pharaoh (राजा) हैत्शेप्सु की कहानी बताएंगे, जिनके खिलाफ खुद उनका बेटा भी हो गया था.

हैत्शेप्सु मिस्र के राजा Thutmose-I की बेटी थीं, जिनकी शादी अपने ही सौतेले भाई Thutmose-II से हुई थी, जो पिता की मौत के बाद राजा बना था.

Thutmose-II की भी जल्दी ही मौत हो गई, जिसके बाद उसका बेटा Thutmose-III छोटी सी उम्र में गद्दी पर बैठा और राज चलाने का मौका हैत्शेप्सु को मिल गया.

हैत्शेप्सु ने इसका लाभ उठाकर 1473 BC में हजारों साल पुरानी परंपरा तोड़कर महिला होने के बावजूद खुद को मिस्र का Pharaoh घोषित कर दिया.

हैत्शेप्सु के Pharaoh की उपाधि लेने से तहलका मच गया. कुछ लोगों ने विरोध किया, जिसे उन्होंने शाही परिवार की वारिस होने के नाम खारिज कर दिया.

हैत्शेप्सु ने खुद को रानी के बजाय Pharaoh ही कहलवाना शुरू किया और विरोध करने वालों को कड़ी सजाएं दीं, जिससे उनके नाम से भी लोग कांपते थे.

हैत्शेप्सु खुद को राजा ही नहीं कहलवाती थी बल्कि उन्होंने अपने चित्रों में और मूर्तियों में भी खुद को दाढ़ी वाले बॉडीबिल्डर पुरुष की तरह दिखाने की कोशिश की.

हैत्शेप्सु का शासन 22 साल तक रहा, जिसे मिस्र की तरक्की का दौर माना जाता है. इस दौरान मिस्र बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हुए.

Pharaoh के तौर पर हैत्शेप्सु के निर्णयों से मिस्र का व्यापार पूरी दुनिया में फैल गया और प्रजा संपन्न हुई. इसलिए उनके खिलाफ विद्रोह नहीं हुआ.

हैत्शेप्सु की महत्वाकांक्षी निर्माण योजना दीर अल-बहरी में विशाल मंदिर माना जाता है, जिसे आज भी मिस्र के अजूबों में से एक गिना जाता है.

हैत्शेप्सु की मौत महज 40 साल की उम्र में 1458 BC में हो गई. इसके बाद उनके सौतेले बेटे Thutmose-III के हाथ में सत्ता आई.

Thutmose-III ने हैत्शेप्सु का नाम मिस्र के इतिहास से मिटाने की कोशिश की. उसने उनकी मूर्तियों के साथ ही उनके बनवाए स्मारक भी तुड़वा दिए. 

इतिहासकारों के मुताबिक, Thutmose-III हैत्शेप्सु से बेहद नफरत करता था, क्योंकि हैत्शेप्सु के कारण ही उसे सत्ता बेहद देरी से मिली थी.