मीटिंग हो या इंटरव्यू एक अच्छी तरह से खुद को सामने रखने वाला व्यक्ति ही उसमें बाजी मार सकता है.
ऐसे में किसी से भी बात करते वक्त आपको इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए.
हमेशा बात करते वक्त खुद में आत्मविश्वास की कमी न होने दें. आपकी आवाज से ज्यादा आपकी बॉड़ी लैंग्वेज बोलती है.
कई लोग बहुत सारे लोगों के बीच में बोलते समय भयभीत हो जाते हैं. यह मूल रूप से आत्मविश्वास की कमी, निर्णय के डर और चिंता के कारण होता है.
जिस भी विषय पर बोलें या बात करें उस पर आपको जानकारी होनी चाहिए. इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा, और आप अवधारणा से संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम होंगे.
अपने लक्षित दर्शकों को समझें. अपने संदेश को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए अपने स्वर को बदलें. दर्शकों की अपेक्षाओं, रुचियों को समझें.
आप जिससे बात कर रहे हैं उसके साथ आंख से संपर्क करना एक संबंध स्थापित करने जैसा होता है जो सामने वाले को ध्यान देने में मदद करता है.
खुद को रिकॉर्ड करने से आपके बोलने के कौशल में सुधार हो सकता है. आपकी शब्दावली, व्याकरण, उच्चारण, प्रवाह, या समग्र बोलने के आत्मविश्वास में प्रगति.