May 3, 2025, 11:13 PM IST

परमाणु बम की कितनी होती है एक्सपायरी डेट

Kuldeep Panwar

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान जंग के मुहाने पर हैं. पाकिस्तान बार-बार भारत को परमाणु बम की धमकी दे रहा है.

भारत-पाकिस्तान ने कभी परमाणु बमों को यूज नहीं किया है. क्या परमाणु बम स्टोर में रखे-रखे खराब हो जाते हैं? उनकी एक्सपायरी डेट क्या है?

रेडियोएक्टिव पदार्थों की आयु बहुत लंबी होती है. परमाणु बम भी रेडियोएक्टिविटी पर ही काम करते हैं. फिर भी उनकी एक एक्सपायरी डेट होती है.

दरअसल भयानक विनाशकारी परमाणु हथियार अमर नहीं हैं. उनमें लगे यंत्र और इलेक्ट्रानिक सिस्टम की एक एक्सपायरी डेट होती है.

परमाणु बम भी डेटोनेटर और विस्फोटक के दम पर काम करते हैं और उनके अंदर लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एक समय बाद खराब हो जाते हैं.

किसी भी परमाणु बम की उम्र 30 से 50 साल मानी जाती है, लेकिन कई कंडीशन इन्हें 10 से 15 साल के अंदर ही एक्सपायर कर सकती हैं.

परमाणु बमों में हीलियम गैस के कारण जंग लगता है, जो इसके आंतरिक सिस्टम को नष्ट कर देता है, जिससे बम के असर में कमी आ जाती है.

आधुनिक परमाणु बमों में रेडियोएक्टिव गैस ट्रिटियम होती है, जिसका आधा जीवन 12 साल का ही है, जिसके बाद बम आधी शक्ति खो देता है.

इस हिसाब से देखा जाए तो 24 साल बाद यह हीलियम गैस में बदल जाता है, जो उस परमाणु बम को पूरी तरह बेकार और निष्क्रिय कर देती है.

परमाणु बम एक्सपायर होकर क्या खतरनाक नहीं रहते? ऐसा नहीं है, क्योंकि उसमें मौजूद प्लूटोनियम या प्रोसेस्ड यूरेनियम हजारों साल तक खतरनाक बने रहते हैं.

प्लूटोनियम या यूरेनियम की मौजूदगी के कारण ही किसी भी एक्सपायर्ड परमाणु बम को कभी भी थोड़ी सी मेहनत के बाद फिर एक्टिव कर सकते हैं.

कोई परमाणु बम कितना खतरनाक है, यह उसकी विस्फोटक क्षमता पर निर्भर करता है, जिसे किलोटन या मेगा टन TNT में मापा जाता है.

1945 में जापान के हिरोशिमा पर अमेरिका ने जो परमाणु बम गिराया था, उसकी क्षमता 15 किलोटन थी, जिसने 1.6 किमी के दायरे में सब खत्म कर दिया था.

आजकल के परमाणु बम इससे कई गुना ज्यादा ताकतवर हैं, जो 10 से 15 किमी तक गंभीर क्षति और हवा चलने पर सैकड़ों किमी तक तबाही ला सकते हैं.

आज तक के सबसे बड़े परमाणु बम जार बॉम्बा के परीक्षण से 900 किमी दूरी तक घरों की खिड़कियां टूट गई थीं. यह 50 मेगा टन का बम था

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की 2024 में प्रकाशित रिपोर्ट में भारत 172 और पाकिस्तान पर 170 परमाणु हथियार बताए थे.

भारत ने 'नो फर्स्ट यूज' नीति अपना रखी है, जबकि पाकिस्तान 'फर्स्ट यूज' नीति पर चलता है. दोनों ही देशों ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.