Jan 22, 2025, 09:12 AM IST
ब्रिटिश अधिकारियों ने 30 एमएल और 60 एमएल के दो मापों की शुरुआत की थी.
30 एमएल के पैग को 'शाम का कीमती गिलास' कहा गया, जिसका शाब्दिक अर्थ खनिकों की एक कहानी से जुड़ा है.
ऐसा माना जाता है कि सर्दी से बचाने के लिए खनिकों को ब्रांडी दी जाती थी, जिसे वे 'कीमती शाम का गिलास' कहते थे.
ब्रिटिश राज में शुरू हुआ यह चलन धीरे-धीरे भारतीय संस्कृति का हिस्सा बन गया.
हालांकि समय के साथ पैग के माप बढ़े हैं, लेकिन 30 एमएल का पैग अब भी सबसे छोटा माप है.
ब्रिटिश राज की यह परंपरा आज भी शराब पीने के तौर-तरीकों में जीवित है.