Apr 2, 2025, 10:59 AM IST

दुनिया की इस जगह पर होती है हीरों की बारिश

Anamika Mishra

शनि ग्रह के वातावरण में मीथेन गैस होती है और जब इस गैस पर दबाव पड़ता है तब कार्बन के कण हीरे में बदल जाते हैं. 

वायुमंडल में मौजूद मीथेन गैस दबाव और बिजली के कारण टूटकर कार्बन में बदल जाती है. 

इसके बाद ये कार्बन के टुकड़े हीरे का रूप ले लेते हैं जो शनि ग्रह के अंदरूनी हिस्से में गिरते है. 

वैज्ञानिकों की मानें तो शनि और अन्य बड़े ग्रहों पर मौजूद उच्च दबाव और तापमान हीरों की बारिश के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं. 

शनि ग्रह पर हवाएं 1800 किमी/घंटे की रफ्तार से चलती है. 

शनि पर मौजूद हीरों की धरती पर लाना असंभव है, क्योंकि वे ग्रह के केंद्र में जाकर पिघल जाती है. 

इस ग्रह के अलावा नेपच्यून और यूरेनस जैसे अन्य ग्रहों पर भी हीरों की बारिश होने के प्रमाण मिले हैं.