Oct 28, 2023, 10:27 AM IST
कर्ण से कवच कुंडल क्यों मांग ले गए थे देवराज इंद्र
DNA WEB DESK
दानवीर कर्ण कवच कुंडल के साथ ही जन्मे थे.
वह अविवाहित कुंती के पुत्र थे.
कुंती को वरदान था कि जिस देवता का वह आह्वान करेंगी, वह उनके सामने होगा.
उन्होंने वरदान जांचने के लिए सूर्य का आह्वान कर दिया. भगवान सूर्य आए, जिसके बाद कुंती ने कर्ण को जन्म दिया.
जन्म के समय ही कर्ण के शरीर में कवच कुंडल मौजूद था. महाभारत के युद्ध में वे कौरवों के साथ थे. कौरव अधर्मी थे.
धर्मयुद्ध में कर्ण अजेय रहते अगर देवराज इंद्र उनसे कवच कुंडल मांग नहीं ले गए होते.
देवराज इंद्र जानते थे कि कर्ण दानवीर था और वह किसी को खाली हाथ नहीं लौटाता था. उन्होंने कर्ण से कवच कुंडल मांग लिया.
कर्ण जानता था कि इसकी वजह से वह युद्ध में मारा जा सकता है लेकिन वह अपने फैसले से नहीं पलटा.
तभी अर्जुन कर्ण का वध कर सके और पांडवों की जीत हुई.
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