Jan 7, 2025, 06:20 PM IST
जनवरी में क्यों आते हैं ज्यादा खतरनाक भूकंप
Kuldeep Panwar
चीन, नेपाल और भारत में मंगलवार (7 जनवरी) को भूकंप के भयंकर झटकों ने तबाही मचाई है. इसमें 96 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
यह पहला मौका नहीं है, जब जनवरी में भूकंप ने ज्यादा तबाही मचाई है और ज्यादा मौत हुई हैं. क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है?
चीन के शांक्सी में 23 जनवरी, 1556 को आए भूकंप में 8 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और पूरा इलाका बाढ़ में डूब गया था.
नेपाल और भारत के बिहार में 15 जनवरी, 1934 को आए भूकंप में 16,000 से ज्यादा मौत दोनों देश में हुई थीं और भवन ध्वस्त हो गए थे.
जापान के कोबे में 17 जनवरी 1995 को आए भूकंप में 6,434 मौते हुईं. साथ ही इलाके में हजारों घर और इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो गईं थीं.
गुजरात के भुज में 26 जनवरी 2001 को गणतंत्र दिवस पर आए भूकंप में 20,000 लोग मारे गए, 1.67 लाख घायल हुए और 4 लाख घर टूट गए थे.
हैती में 12 जनवरी 2010 को इस सदी का सबसे भयानक भूकंप आया था, जिसमें 2 लाख लोगों की मौत हुई और 3 लाख से ज्यादा घायल हुए थे.
अब बात करते हैं जनवरी में आने वाले भूकंप इतने भयंकर क्यों होते हैं? क्या यह महज संयोग है या कोई वैज्ञानिक कारण है? चलिए बताते हैं.
वैज्ञानिकों को जनवरी में ज्यादा भयंकर भूकंप आने का पुख्ता कारण तो नहीं मिला है, लेकिन उन्होंने इसे कुछ फैक्ट्स से जोड़ने की कोशिश की है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि ज्यादा ठंड और बर्फबारी के कारण ऐसे इलाकों में फॉल्ट लाइन में ज्यादा तनाव आता है, जिससे भूकंप आता है.
वैज्ञानिकों का यह भी आकलन है कि फॉल्ट लाइन वाले इलाकों में बर्फ के पिघलने पर सीजनल स्ट्रेस साइकिल पैदा होता है, जिससे भूकंप आ सकता है.
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