कई बार इंसान की मौत होने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाता है.
व्यक्ति की मौत की असली वजह पता लगाने के लिए डॉक्टरों और फॉरेंसिक टीम द्वारा उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम किया जाता है.
यह सब तो पहले भी जानते होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि पोस्टमार्टम रात में नहीं किया जाता है.
अब आपको लग रहा होगा कि ऐसा क्यों होता है तो चलिए हम आपको इसका जवाब देते हैं.
शवों का पोस्टमॉर्टम करने का समय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच का होता है. इससे पहले या बाद में पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है.
इसके पीछे वजह ये है कि रात में ट्यूबलाइट या एलईडी की कृत्रिम रोशनी में चोट का रंग लाल के बजाए बैंगनी दिखाई देता है और फॉरेंसिक साइंस में बैंगनी रंग की चोट का कोई उल्लेख नहीं किया गया है.
प्राकृतिक और कृत्रिम रोशनी में चोट के रंग अलग-अलग दिखने से पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
रात में पोस्टमॉर्टम नहीं कराने के पीछे एक धार्मिक कारण भी बताया जाता है.
कई धर्मों के रीति रिवाजों के अनुसार रात को अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है. ऐसे में वो लोग अपने मृतक परिजन का पोस्टमॉर्टम रात को नहीं करवाते हैं.