Mar 21, 2024, 01:25 PM IST

गौरेया का दिमाग क्यों खाते थे पटियाला के महाराजा? हरम में थीं 365 रानियां

Abhishek Shukla

पटियाला के राजा भूपेंद्र सिंह के हरम बहुत गुलजार था.

इतिहासकार दीवान जरमनी दास अपनी किताब महाराजा में कहते हैं कि राजा विलासितापूर्ण जिंदगी जीते थे.

राजा ने रानियों से रोमांस के लिए प्रेम महल बनवाया था.

इस कमरे में सिर्फ राजा अपनी रानियों के साथ जा सकते थे, जहां का इंतजाम सबसे अलग होता था.

लापियर और कॉलिन्स नाम के साहित्यकार लिखते हैं कि उनके हरम में 365 रानियां थीं.

उन्होंने 10 रानियों से 83 बच्चे पैदा किए, जिनमें सिर्फ 53 जिंदा रहे.

भूपेंद्र सिंह भोग-विलास में डूबे रहते थे और काम वासना में लिप्त रहते थे.

जब वे बूढ़े हुए तो उन्होंने गौरेया का दिमाग गाजर में मिलाकर खाने लगे.

यह कामोत्तेजना बढ़ाने की औषधि थी, जिसे उनके वैद्य देते थे. इस दवा से उन्हें लाभ नहीं हुआ था.