अयोध्या नहीं इस देश में बन रहा सबसे ऊंचा राम मंदिर
Kuldeep Panwar
अयोध्या में रामलला की जन्मभूमि पर 550 साल बाद उन्हें दोबारा भव्य राम मंदिर में विराजमान करने की सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं. 22 जनवरी को इसका प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा.
अयोध्या का राम मंदिर पूरा होने के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा. करीब 10 एकड़ में बनाया जा रहा है, जबकि 50 एकड़ एरिया का इसका कॉरिडोर होगा.
अयोध्या राम मंदिर का भवन करीब 250 फीट चौड़ा, 380 फीट लंबा और 161 फीट (49 मीटर) ऊंचा होगा, लेकिन यदि आपको कहें कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा राम मंदिर नहीं है.
दुनिया का सबसे ऊंचा राम मंदिर भारत में नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में बनाया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई निर्माण कार्य पूरा होने के बाद करीब 721 फुट होगी.
पर्थ में अंतरराष्ट्रीय श्रीराम वैदिक एवं सांस्कृतिक संघ द्वारा बनवाया जा रहा राम मंदिर दुनिया के सबसे ऊंचे स्टैच्यू सरदार पटेल के Statue of Unity से भी ऊंचा होगा, जिसकी ऊंचाई आधार से अलग 597 फुट है.
पर्थ में राम मंदिर का परिसर करीब 59.17 हेक्टेयर जमीन पर बन रहा है, जिसके निर्माण पर 600 करोड़ रुपये की रकम खर्च होगी. इसकी वास्तुकला मानव शरीर के अंदर माने गए ऊर्जा चक्रों पर आधारित है.
मंदिर परिसर में मुख्य भवन के अलावा हनुमान वाटिका, सीता वाटिका, जटायु बाग, शबरी वन, जामवंत सदन और गुरु वशिष्ठ ज्ञान केंद्र भी बनाए जाएंगे.
भव्य राम मंदिर 12 हॉल में बंटा हुआ होगा, जिनके नाम राम-सीता से जुड़े रामायण के पात्रों जैसे लव-कुश, माता कौशल्या, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, भरत आदि के नाम पर रखे गए हैं.
पर्थ का राम मंदिर पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित होगा यानी यह जीरो कार्बन फुटप्रिंट पर बनेगा, जिसमें सबसे ऊंचे शिखर पर बने मंदिर तक पहुंचने के लिए वाटर टनल से गुजरना होगा.