Mar 27, 2024, 02:24 PM IST
अरब देशों में नहीं मिलते मोर फिर भी क्यों करते हैं यजीदी उनकी पूजा?
Smita Mugdha
यजीदी कुर्दी लोगों का एक उपसमुदाय है जिनका अपना अलग यजीदी धर्म है. ये सीरिया, इराक, आर्मेनिया और तुर्की में बसे हैं.
इस धर्म में पारसी, इस्लामी सूफी मान्यताओं और कुछ ईसाई विश्वासों की भी झलक मिलती है.
क्या आप जानते हैं कि जैसे भारत में नाग देवता की पूजा की जाती है वैसे ही यजीदी भी नागों को देवता मानकर पूजते हैं.
सबसे खास बात ये है कि अरब देशों की जलवायु ऐसी है कि वहां मोर नहीं मिलते, लेकिन यजीदियों में मोर को शुभ माना जाता है.
इसके अलावा, यजीदी धर्म में नाचते हुए मोरों को देखना शुभ माना जाता है, क्योंकि मोर को ये देवदूत की तरह मानते हैं.
अक्सर इस बात पर चर्चा होती है कि अरब देशों में मोर पक्षी नहीं मिलते फिर भी यजीदियों ने इसे देवता क्यों माना?
इसके पीछे कई कारण गिनाए जाते हैं जिसमें से एक है कि दुनिया की देख-रेख सात फरिश्तों के सुपुर्द की गई थी.
इन 7 फरिश्तों में से एक 'मेलेक ताऊस', यानि 'मोर फ़रिश्ता' है और इसलिए यजीदी प्रार्थना स्थलों पर मोर के चिह्न होते हैं.
एक मान्यता यह भी है कि भारत समेत कई देशों से गए लोगों ने इस धर्म को अपनाया और संस्कृतियों के मिलन-जुलन से मोर जैसे प्रतीक शामिल हुए.
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