Mar 15, 2024, 07:30 AM IST
गरीबी में पले Naval Tata की कैसे बदली किस्मत, अनाथ से कैसे बने Tata साम्राज्य के वारिस?
Abhishek Shukla
रतन टाटा के पिता नवल टाटा एक बेहद गरीब परिवार में पैदा हुए थे.
30 अगस्त 1904 को बॉम्बे में पैदा हुए नवल के पिता अहमदाबाद की एडवांस मिल्स में स्पिनिंग मास्टर थे.
4 साल की उम्र में ही नवल के सिर से उके पिता का साया हट गया.
नवल और उनकी मां गुजरात के नवसारी चले गए. मां नवल को पाल नहीं पाई और उन्हें अनाथालय भेज दिया गया.
जेएन पेटिट पारसी अनाथालय में टाटा पढ़े. एक दिन सर रतनजी टाटा की पत्नी वाजबाई उस अनाथालय पहुंच गईं.
नवल उन्हें पसंद आए और उन्होंने गोद ले लिया. नवल 13 साल की उम्र में टाटा खानदान में शामिल हो गए.
नवल, जब टाटा परिवार में आए तो उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की डिग्री ली. लंदन से पढ़ाई की.
नवल टाटा के बच्चों के नाम रतन टाटा, जिमी टाटा और नियोल टाटा हैं.
26 साल की उम्र में नवल टाटा, टाटा सन्सग्रुप में शामिल हुए. एक क्लर्क से करियर की शुरुआत की और 1939 तक वे टाटा मिल्स के जॉइन्ट डायरेक्टर बन गए.
साल 1965 में उन्होंने सर रतन टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन का पद संभाला. 1946 से लेकर 61 तक वे हॉकी फेडरेशन के अध्यक्ष रहे.
वे लगभग 10 वर्षों तक ऑल इंडिया काउंसिल फॉर स्पोर्ट्स के पहले अध्यक्ष बने. 5 मई 1989 को बॉम्बे में उनका निधन हो गया.
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