Oct 26, 2023, 04:16 PM IST

QR Code स्कैन करते हैं तो ध्यान दें, वरना लुट जाएगा बैंक खाता

Kuldeep Panwar

भारत में यूपीआई पेमेंट अब लेनदेन का सबसे पॉपुलर तरीका है. हर कोई पेमेंट करने के लिए क्यू आर कोड स्कैन करता रहता है, लेकिन इसमें एक गलती आपका खाता खाली करा सकती है.

साइबर सिक्योरिटी कंपनियों का कहना है कि फिशिंग आदि के जरिये ठगी करने वाले स्कैमर अब क्यूआर कोड के जरिये लोगों के बैंक अकाउंट में सेंध लगा रहे हैं.

स्कैमर्स ईमेल में क्यूआर कोड भेजकर ठगी कर रहे हैं. फ्री गिफ्ट या रिटर्न कैशबैक के लालच में फंसकर जैसे ही लोग इन क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, उनका बैंक अकाउंट हैक होकर खाली हो रहा है.

इसके अलावा दुकानों पर लगे क्यूआर कोड भी आपको कंगाल बना सकते हैं. अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने वार्निंग दी है कि इन क्यूआर कोड के बीच हैकर अपना फेक क्यूआर कोड भी लगा देते हैं.

हैकर के लगाए क्यूआर कोड को जैसे ही कोई पेमेंट करने के लिए स्कैन करने के बाद पासवर्ड एंटर करता है तो उसके बैंक अकाउंट तक हैकर की पहुंच हो जाती है. 

आप लापरवाह हैं तो इस खेल का पता भी नहीं चलेगा, क्योंकि आपको अकाउंट से सामान्य तरीके से पैसा कटता दिखेगा, जबकि यह पैसा दुकानदार के बजाय किसी दूसरे के अकाउंट में चला जाएगा.

FBI का कहना है कि इन कोड को स्कैन करने के बाद आपका मोबाइल हैक होकर उसका डाटा दूसरे तक पहुंच सकता है. आपके मोबाइल में स्पाईवेयर या मैलवेयर इंस्टॉल हो सकता है.

भारत सरकार की एजेंसी CERT-IN भी कई बार ऐसे स्कैम के प्रति लोगों को आगाह कर चुकी है. उसने ऐसे फिशिंग वाले क्यूआर कोड या फिशिंग ईमेल से बचने का तरीका भी बताया है.

ईमेल में मिले क्यूआर कोड को स्कैन मत करिये. स्कैन करने पर आप फेक वेबसाइट पर रिडायरेक्ट करने पर अपना डाटा लीक करा बैठेंगे. साथ ही अपने मोबाइल-लैपटॉप की यूजर परमिशन भी हैकर को दे देते हैं.

दुकान पर कभी भी जल्दबाजी में क्यूआर कोड से पेमेंट मत कीजिए. क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद अकाउंट होल्डर का नाम चेक कीजिए. दुकान या दुकानदार का नाम दिखने पर ही पेमेंट कीजिए.