Dec 2, 2023, 12:03 AM IST

पर्सनल जेट में उड़ने वाला 12000 करोड़ का मालिक कैसे बना भिखारी

Kuldeep Panwar

Raymond का नाम पूरी दुनिया में बेहतरीन कपड़ों के लिए जाना जाता है, लेकिन यह कंपनी इसके मालिकों के घरेलू झगड़ों के लिए भी इतनी ही मशहूर रही है.

अब भी रेमंड के CMD गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी सिंघानिया के बीच तलाक का मुद्दा पूरे देश में चर्चा का सबब बना हुआ है.

इस झगड़े में गौतम के पिता और रेमंड के पूर्व मालिक विजयपत सिंघानिया ने बहू का समर्थन किया है और फिर से बेटे द्वारा उन्हें दर-दर का भिखारी बनाने की कहानी सबके सामने रखी है.

कभी 12,000 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाले विजयपत इस समय एक किराये के फ्लैट में रहते हैं, जबकि मुंबई में मुकेश अंबानी के एंटीला के पास मौजूद उनके 30 मंजिला JK House की ही कीमत 6,000 करोड़ रुपये है.

1980 में रेमंड की कमान संभालने के बाद विजयपत ने ही कानपुर की इस छोटी सी कंपनी को दुनिया के बेहतरीन ब्रांड में शुमार कराया था. उन्हें देश के टॉप-10 उद्योगपतियों में गिना जाता था.

अपने राजसी अंदाज और ठाट-बाट के लिए चर्चा में रहने वाले विजयपत अपने पर्सनल जेट और हेलीकॉप्टर में चलते थे. वे खुद भी 5,000 घंटे विमान उड़ाने का अनुभव रखते हैं.

4 अक्टूबर, 1938 को यूपी के कानपुर शहर में जन्मे विजयपत की शख्सियत इतनी बड़ी थी कि उन्हें साल 2006 में Sheriff of Mumbai खिताब से नवाजा गया था.

67 साल की उम्र में हॉट एयर बैलून में दुनिया की सबसे ऊंची उड़ान भरने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल हुए विजयपत ने साल 1994 में इंटरनेशनल एयर रेस में गोल्ड मेडल जीता था.

विजयपत सिंघानिया की शख्सियत क्या थी, इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि उन्हे भारतीय वायुसेना ने एयर कमोडोर की मानद रैंक दी थी.

साल 2006 में विजयपत सिंघानिया को भारत सरकार ने पद्मभूषण सम्मान से भी नवाजा था. इससे पहले सरकार 2001 में उन्हें तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड से भी नवाज चुकी थी.

साल 2015 में विजयपत ने रेमंड ग्रुप के 50% से ज्यादा शेयर अपने बेटे गौतम सिंघानिया के नाम कर दिए. यहीं से उनके बुरे दिन शुरू हो गए और वे आज दर-दर के भिखारी की तरह रहते हैं.

गौतम ने जेके हाउस में विजयपत को मिलने वाले अपार्टमेंट का पजेशन रोकने के साथ ही उनसे ड्राइवर और कार तक छीन ली थी. इसे लेकर बाप-बेटे के बीच कानूनी केस भी चल चुका है.

विजयपत सिंघानिया ये कहते हैं कि मेरी कहानी हर मां-बाप के लिए सबक है कि उन्हें अपनी संपत्ति अपने बच्चों के नाम करने से पहले दो बार सोचना चाहिए.