'साधु' की जिंदगी जी कर परी बिश्नोई बनीं IAS, पढ़ें सफलता की कहानी
Jaya Pandey
UPSC देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है. लाखों युवा इसे पास करने के लिए अपना घर छोड़ बड़े शहरों में कोचिंग के लिए आते हैं.
लेकिन केवल मुट्ठी भर लोग ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं. IAS परी बिश्नोई भी उन चंद लोगों में से एक हैं जो सिविल सेवक बन देश की सेवा कर रही हैं.
परी बिश्नोई राजस्थान के बीकानेर की रहने वाली हैं. उनकी मां जीआरपी में पुलिस अधिकारी और पिता एक वकील हैं.
परी बिश्नोई की स्कूलिंग अजमेर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से हुई है और उन्होंने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ वीमेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है.
उन्होंने अजमेर के MDS यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के बारे में सोचा.
यूपीएससी की तैयारी करने के दौरान परी ने अपने सारे सोशल मीडिया अकाउंट्स को डिलीट कर दिया और मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी बंद कर दिया था.
साल 2019 में उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की और उन्हें ऑल इंडिया 30वीं रैंक मिली और वह आईएएस अधिकारी बनीं.
परी बिश्नोई फिलहाल सिक्किम के गंगटोक में सब-डिविजनल ऑफिसर हैं. इससे पहले वह भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड गैस में असिस्टेंट सेक्रेटरी रह चुकी हैं.
उन्होंने हरियाणा के आदमपुर से विधायक भव्य बिश्नोई से शादी रचाई है जो बीजेपी नेता कुलदीप बिश्नोई के बेटे और हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल के पोते हैं.