Jan 3, 2025, 02:46 PM IST

कौन थीं भारत की पहली महिला शिक्षक?

Raja Ram

सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के नायगांव में हुआ था. भारतीय समाज की रूढ़ियों को तोड़ने वाली यह महिला, एक किसान परिवार से थीं.

सावित्रीबाई की शादी मात्र 9 वर्ष की उम्र में ज्योतिराव फुले से हुई. उनके पति ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और हर संभव मदद की.

पढ़ाई पूरी करने के बाद सावित्रीबाई ने खुद को टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम में रजिस्टर किया. यहीं से उन्होंने इतिहास रचने की शुरुआत की.

सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका बनीं, जिन्होंने महिलाओं को शिक्षा का महत्व समझाने का बीड़ा उठाया.

1848 में, उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर पुणे के भिडे वाडा में लड़कियों के लिए भारत का पहला स्कूल शुरू किया.

सावित्रीबाई को 'कलम की सिपाही' कहा जाता है. उन्होंने दहेज प्रथा, जातिवाद और महिलाओं के शोषण के खिलाफ लिखा.

1852 में, सावित्रीबाई और ज्योतिराव फुले को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए ब्रिटिश सरकार ने सम्मानित किया.

सावित्रीबाई ने समाज की कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और महिलाओं को स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित किया.

1897 में ब्यूबोनिक प्लेग के समय, सावित्रीबाई ने मरीजों की सेवा की और इसी दौरान बीमारी से उनका निधन हो गया.

सावित्रीबाई फुले ने शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में जो योगदान दिया, वह आज भी हर भारतीय को प्रेरणा देता है.