Dec 3, 2024, 09:34 PM IST

विकास दिव्यकीर्ति से समझिए मूर्ख और ज्ञानी का फर्क

Kuldeep Panwar

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाले डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को बेहद समझदार इंसान माना जाता है. उनकी कही बात की वैल्यू मानी जाती है.

विकास दिव्यकीर्ति की इमेज स्टूडेंट्स के बीच एक लाइफकोच की भी है, जो बेहद सही और सटीक सलाह देकर उन्हें सही राह दिखाते हैं.

विकास दिव्यकीर्ति की कही बात की वैल्यू बहुत सारे IAS और IPS अफसर भी मानते हैं, जिनकी जिंदगी उनकी सलाह के चलते संवरी है.

विकास दिव्यकीर्ति ने हाल ही में अपने फॉलोअर्स को बताया है कि एक मूर्ख और ज्ञानी इंसान के क्या गुण होते हैं और उनमें क्या अंतर होता है?

विकास दिव्यकीर्ति का कहना है कि ज्ञानी इंसान हमेशा विवेक से काम लेता है और जिसमें विवेक होता है, वह इंसान बेहद विनम्र होता है.

उन्होंने भारतीय ग्रंथों में लिखे एक श्लोक 'विद्या ददाति विनयम' का भी हवाला दिया, जिसका अर्थ है कि विद्या आने पर आप विनम्र हो जाते हैं.

विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि ज्ञानी इंसान विवेक के साथ फैसले करता है और उसकी सबसे बड़ी पहचान विनम्र स्वभाव का होना ही है.

विकास दिव्यकीर्ति ने उस इंसान को मूर्ख की श्रेणी में रखा है, जो यह कहता है कि वह सर्वज्ञानी है. ऐसे इंसान का मानना है कि वो सबकुछ जानता है.

विकास दिव्यकीर्ति कहते हैं कि ऐसे इंसान की पोल जल्दी खुल जाती है, क्योंकि सब जानने का अहं होने के कारण उसकी नॉलेज बेहद कम होती है.

विकास दिव्यकीर्ति की नजर में ओवर कॉन्फिडेंस रखने वाला व्यक्ति भी मूर्ख होता है, क्योंकि उसे भी यह लगता है कि वह सबसे ज्यादा समझदार है.

विकास दिव्यकीर्ति के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति यदि बेहद गहरी बात करे, लेकिन उसका खुद पर यकीन कम हो, तब भी वह ज्ञानी ही होता है.