लता मंगेशकर के इस 57 साल पुराने गाने ने रोकी थीं कई सुसाइड, जानें कैसे
Jyoti Verma
आज हम लगा मंगेशकर के एक ऐसे गाने के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसने कहा जाता है कि लोगों को अपने गम से उभरने में और सुसाइड रोकने में काफी मदद की थी.
दरअसल, लता मंगेशकर का यह गाना 57 साल पुराना है, लेकिन यह 2025 में भी खूब पॉपुलर है.
यह पॉपुलर गाना एक ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म का है, और इसके बोल और स्वरों के जादू ने दर्शकों को खूब इंप्रेस किया कि उन्हें जीवन का मूल्य समझ आ गया, जिसके कारण आत्महत्या के चलते होने वाली मौतों में कमी आई.
जी हां इस गाने का असर लोगों पर खूब हुआ था. जो दिल टूटने वाले हर व्यक्ति के लिए एक दवा की तरह बन गया था.
दरअसल, यह गाना है 1968 की फिल्म सरस्वतीचंद्र का और इसका टाइटल 'छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए'. इस फिल्म में नूतन और मनीष ने एक्टिंग की है.
इस गाने के बोल में लता जी ने कहा था, '' चांद मिलता नहीं सबको संसार में, दिया ही बहुत रोशनी के लिए. इससे लोगों पर गहरा असर पड़ा था.
इस फिल्म में सरस्वतीचंद्र (मनीष) कुमुद सुंदरी (नूतन) को खो देते हैं, क्योंकि वह प्रमाद(रमेश देव) से शादी कर लेती है.
सरस्वती यह बर्दाश्त नहीं कर पाते और सब कुछ पीछे छोड़ने का फैसला करते हैं. तब कुमुद आती है, जो उसे आगे बढ़ने और अपने लोगों के लिए जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है.
'छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए' गाने का लोगों पर इतना असर हुआ कि कथित तौर पर इसने लोगों को अपना जीवन समाप्त करने से रोक दिया.
इस गाने को आत्महत्या रोकने का श्रेय जाता है और यह इंदीवर और कल्याणजी-आनंदजी ने इस संगीत के बोल लिखे थे.
फिल्म सरस्वतीचंद्र गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी के एक गुजराती उपन्यास पर आधारित थी और यह उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक थी.