Apr 25, 2023, 03:11 PM IST

PCOS झेल रहीं? हार्मोनल असंतुलन को कंट्रोल कर देंगे ये 6 सुपरसीड्स

Ritu Singh

चिया बीज में 20% से अधिक प्रोटीन और 60% ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है. चिया के बीज टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार करते हैं और अंडाशय से अंडे की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं और इस प्रकार प्रजनन क्षमता में सुधार कर पीसीओएस की दिक्कत को दूर करते हैं.

मेथी में पाए जाने वाले सैपोनिन्स और फ्लेवोनोइड्स इंसुलिन ग्लूकोज चयापचय, इंसुलिन संवेदनशीलता और असंतुलित हार्मोन में सुधार करते हैं और कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं. यह मासिक धर्म और पीसीओएस की दिक्कत को दूर करते हैं.

कद्दू के बीज पीसीओएस से लड़ने का काम करते हैं. इनमें बीटा-सिटोस्टेरॉल होता है जो एंजाइम को रोकता है जो टेस्टोस्टेरोन को डीएचटी में परिवर्तित करता है जो बालों के झड़ने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है.

अलसी के बीज शरीर में एण्ड्रोजन के स्तर को कम करने में सहायता करते हैं. वे लिग्निन का भी एक समृद्ध स्रोत हैं जो शरीर में SHBG (सेक्स हार्मोन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन) के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे हार्मोन की क्रिया कम हो जाती है और संतुलन बना रहता है.

सूरजमुखी के बीज में विटामिन ई की उच्च सामग्री प्रोजेस्टेरोन उत्पादन को उत्तेजित करती है और वे मैग्नीशियम और सेलेनियम से भरपूर होते हैं और और पीसीओएस की दिक्कत को दूर करते हैं.

खसखस ​​पीसीओएस के लक्षणों के जोखिम को कम करता है. इनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, बी विटामिन और जिंक होते हैं जो पीसीओएस के लक्षणों को रोकने और इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.