Jan 13, 2025, 05:07 PM IST
आजकल मार्केट में नकली दवाएं धड़ल्ले से बिक रही हैं, हाल ही में सेंट्रल ड्रग स्टैडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की जांच में 53 दवाओं के सैंपल फेल होने की खबर आई.
ऐसे में लोगों के मन में नकली दवाओं के लेकर डर बैठ गया है. यह डर जायज भी है, क्योंकि रिपोर्ट के मुताबिक देश में बिकने वाली करीब 25 फीसदी दवाएं नकली हैं.
कई फर्जी कंपनियों द्वारा नामी कंपनियों के लेबल की नकल कर इन दवाओं को बाजार में सप्लाई किया जा रहा है. ऐसे में आइए जानें कैसे कर सकते हैं आप नकली दवाओं की पहचान?
आमतौर पर ये नकली दवाएं बिल्कुल असली जैसी ही लगती हैं, हालांकि इनकी लेबलिंग में कुछ न कुछ कमियां जरूर होती हैं, जिससे इन नकली दवाओं की पहचान की जा सकती है.
अगर आपने पहले दवा इस्तेमाल की है तो पुरानी और नई पैकेजिंग की तुलना कर अंतर जानने का प्रयास करें. नकली दवाओं के लेबलिंग में स्पेलिंग या व्याकरण संबंधी गलतियां होती हैं.
इसके अलावा केंद्र सरकार ने शीर्ष 300 ब्रांडेड नाम से बिकने वाली दवाओं को नोटिफाई किया हुआ है. इन सभी कंपनियों की दवाओं की पैकेजिंग पर बारकोड या क्यूआर कोड होता है.
जिसे स्कैन करने पर पूरी जानकारी सामने आ जाती है. वही जो नकली दवाएं होती हैं उनके बारकोड या क्यूआर कोड को स्कैन करने पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता है.
दवा खरीदते समय आप जांच कर सकते हैं, कि उनकी सीलिंग सही है, पैकेजिंग ठीक है या नहीं. इन आसान तरीकों से आप नकली और असली दवाओं की पहचान कर सकते हैं.