पुणे में फैल रहे गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) एक दुर्लभ तंत्रिका संबंधी विकार है,
इसके शुरुआती संकेत क्या हैं और इसके होने के कारण और बचने के उपाय क्या हैं जान लें.
ये नर्व रिलेटेड विकार है जिसमें मांसपेशियों में कमज़ोरी और झुनझुनी सनसनी जैसी दिक्कतें होती हैं.
कमज़ोरी जो आमतौर पर पैरों से शुरू होती है और हाथों, चेहरे या सिर तक फैल जाती है. कमज़ोरी हाथों, चेहरे या आँखों से भी शुरू हो सकती है और पैरों तक फैल सकती है.
हाथ और पैरों में झुनझुनी, सुन्नता या सुई चुभने जैसा महसूस होना. दर्द : हाथ, पैर या पीठ में दर्द, विशेषकर रात में.
सांस लेने में कठिनाई : सांस लेने में कठिनाई, विशेष रूप से जब सीधा लेटें.
लार निगलने, बोलने या चबाने में कठिनाई.
आंखों की गति को नियंत्रित करने में कठिनाई : दोहरी दृष्टि या आंख की मांसपेशियों में अन्य कठिनाई.
चलने में अस्थिरता या कठिनाई, असामान्य हृदय गति या रक्तचाप,कब्ज या पेशाब करने में कठिनाई.
पक्षाघात यानी लकवा: पैरों, भुजाओं या चेहरे की मांसपेशियों का पक्षाघात.
जीबीएस एक चिकित्सा आपातकाल है जिसके लिए तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है.
जितनी जल्दी इलाज शुरू किया जाएगा, पूरी तरह से ठीक होने की संभावना उतनी ही बेहतर होगी.
इससे बचने के लिए पानी उबालकर पियें. हमेशा साफ-सुथरा और ताजा खाना खाएं और नॉनवेज आदि बाहर से खाने से बचें और ठीक से पकाकर खाएं.