प्रेम, संबंध और कामुकता पर आधारित किताब कामसूत्र किसने लिखी थी और क्या सच में ये किताब केवल यौन संबंध पर लिखी गई है? सच जान लें.
असल में यह पुस्तक सिर्फ कामुकता के बारे में नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण जीवन के लिए एक मार्गदर्शिका है.
इस पुस्तक को प्रेम और यौन-विज्ञान से संबंधित माना गया है लेकिन इस किताब ने पहली बार आकर्षण के विज्ञान को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खोजा और समझाया था.
कामसूत्र को बनारस में रहने वाले महर्षि वात्स्यायन ने लिखा था. उन्होंने सदियों पहले "कामसूत्र" नामक पुस्तक लिखी थी, जो आज भी विश्व की सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों में से एक है.
इसके कुछ अध्यायों में शारीरिक संबंधों और प्रेम के संकेतों के विषयों पर चर्चा की गई है. इन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझाया गया है.
महर्षि वात्स्यायन का कार्य मानवीय रिश्तों, अंतरंगता और सुखी जीवन पर एक महत्वपूर्ण शोध माना जाता है. यह एक प्राचीन संस्कृत ग्रन्थ है.
विद्वानों का मानना है कि इस पुस्तक की रचना लगभग 400 ई.पू. हुई थी. जिसमें रिश्ते, विवाह, अंतरंगता और सुखी जीवन जैसे विषयों को शामिल किया गया है.
कामसूत्र” में कुल सात अध्याय हैं. छठे अध्याय में बताया गया है कि संभोग कैसे किया जाए और इसमें पूर्णता कैसे प्राप्त की जाए.
अंतिम अध्याय में संतुलित और सफल यौन जीवन के लिए धैर्य, समझ और प्रेम की आवश्यकता के बारे में बात की गई है .