Jan 2, 2025, 02:54 PM IST

2024 में देश ने खोए अपने नायाब रत्न, जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता

Raja Ram

भारत के महान तबला वादक ज़ाकिर हुसैन (1951-2024) ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाई. उनकी प्रस्तुति हमेशा याद की जाएंगी.

मशहूर शायर मुनव्वर राणा (1952-2024) ने अपनी गजलों और शायरी के माध्यम से हर दिल को छुआ. 

बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा (1952-2024) ने अपने मधुर गीतों से देश के लोक संगीत को ऊंचाई  पर पहुंचाया. उनके गाए छठ गीत हर घर में गूंजते रहेंगे. 

फैशन की दुनिया के सितारे और मशहूर डिजाइनर रोहित बल (1961-2024) ने भारतीय फैशन इंडस्ट्री को ग्लोबल मंच पर पहचान दिलाई. उनके अनोखे डिजाइन हमेशा याद किए जाएंगे.

मार्क्सवादी नेता सीताराम येचुरी (1952-2024) ने समाजवाद और समानता के लिए आजीवन संघर्ष किया. वे हमेशा प्रेरणा के स्रोत रहेंगे.

रतन टाटा (1937-2024) का जाना भारत के उद्योग जगत के लिए एक युग का अंत है. उनका विजन और नेतृत्व भारत को प्रगति के रास्ते पर ले गया. 

मशहूर गायक पंकज उधास (1951-2024) ने अपनी गायकी से गजल को नई ऊंचाई पर पहुंचाया. उनकी आवाज लोगों के दिलों में हमेशा गूंजती रहेगी.  

रेडियो के मशहूर एंकर अमीन सायानी (1932-2024) ने अपनी अनोखी शैली से रेडियो जगत को नया आयाम दिया. उनका नाम रेडियो इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज रहेगा.

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जिन्होंने 1990 के दशक में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की. उन्होंने 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की.

इन महान हस्तियों का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है. इनके योगदान और उपलब्धियां हमेशा याद की जाएंगी. 2024 वह साल बन गया, जब देश ने अपने कई नायाब रत्नों को खो दिया.