Jan 6, 2024, 01:56 PM IST

हजारों झुग्गी तोड़ मिलेगा पक्का मकान, लेकिन क्यों विरोध कर रहे धारावी के लोग

Smita Mugdha

मुंबई के बीचों बीच धारावी पतली गलियों, कचरे के ढेर और झुग्गी झोपड़ी वाली बस्ती है जहां 10 लाख लोग रहते हैं. 

धारावी एशिया का सबसे बड़ा स्लम है और इस इलाके की हालत देख यकीन करना कठिन होता है कि इस जगह पर 10 लाख लोग रह रहे हैं. 

जनसंख्या के हिसाब से ये एशिया का सबसे बड़ा स्लम है, मगर एरिया के हिसाब से देखें तो एशिया का दूसरा और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्लम है.

धारावी मुंबई शहर के बीचों बीच बसा है. ये एरिया मुंबई की दो रेलवे लाइव वेस्टर्न और सेंट्रल के बीच मौजूद है. 

धारावी में कुल 63 फीसदी हिंदू, 30 फीसदी मुस्लिम, 6 फीसदी ईसाई और 1 फीसदी अन्य धर्म के लोग रहते हैं.

झुग्गियों वाला इलाका होने के बाद भी यहां साक्षरता दर 69 फीसदी है और स्थानीय लोग शिक्षा को महत्व देते हैं. 

धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट एक ऐसी परियोजना के तहत 65 हजार परिवारों को दूसरी जगह बसाने का प्लान है. हालांकि, स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. 

धारावी का रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का मुद्दा अब राजनीतिक बन गया है और लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. 

स्थानीय लोगों को डर है कि इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर उन्हें उनके घरों से बेदखल कर दिया जाएगा और उनका मकान बिल्डर्स के हाथों में चला जाएगा.