Dec 6, 2023, 06:12 PM IST

बीजेपी के इन सांसदों ने दिया लोकसभा से इस्तीफा

Kuldeep Panwar

राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं. भाजपा का चुनावों में सांसदों को उम्मीदवार बनाकर उतारने का दांव सफल रहा है.

भाजपा ने पांच राज्यों के चुनाव में अपने 21 लोकसभा सांसदों को विधायक का टिकट दिया था. राजस्थान-मध्य प्रदेश में 7-7, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में 3 सांसदों को टिकट दिए गए थे.

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा के 18 में से 12 सांसदों को विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हुई है. इन 12 में से 10 सांसदों ने बुधवार को अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर को सौंप दिया है.

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ ये सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के पास पहुंचे और उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंप दिया है.

लोकसभा से इस्तीफा देने वाले सांसदों में मध्य प्रदेश से कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, रीति पटेल, राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं.

राजस्थान से राज्यवर्धन राठौड़, किरोड़ी लाल मीणा और दीया कुमारी ने, जबकि छत्तीसगढ़ के अरुण साव और गोमती साइ ने संसद सदस्यता से इस्तीफा दिया है.

राजस्थान से मुख्यमंत्री पद की होड़ में शामिल बताए जा रहे बाबा बालकनाथ और रेणुका सिंह को भी विधानसभा चुनाव में जीत मिली है, लेकिन इन्होंने अभी संसद सदस्यता नहीं छोड़ी है.

संविधान के नियमों के मुताबिक, विधानसभा चुनाव जीतने वाले सभी सांसदों को परिणाम घोषित होने के 14 दिन के अंदर संसद या विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होता है.

यदि कोई सांसद विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के 14 दिन के अंदर किसी एक सदस्यता को नहीं छोड़ता है तो उसकी संसद सदस्यता को खुद ही समाप्त मान लिया जाता है.

अभी यह तय नहीं है कि विधानसभा चुनाव में जीतकर लोकसभा से इस्तीफा देने वाले सांसदों की सीट पर उपचुनाव कब होंगे? इसका फैसला भारतीय चुनाव आयोग को करना है.

अभी तक तय टाइमलाइन के हिसाब से लोकसभा चुनाव मई-जून में होने हैं, लेकिन यह भी माना जा रहा है कि मोदी सरकार समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है.

यदि लोकसभा चुनाव के आयोजन में 6 महीने से कम समय रहेगा तो नियमों के हिसाब से चुनाव आयोग इस्तीफा देने वाले सांसदों की सीट को खाली भी छोड़ सकता है.