Jul 8, 2024, 07:37 PM IST

वो तवायफ जिसने चेहरा नहीं दिखाया तो मिली 56 चाकू मारने की सजा

Rahish Khan

भारत में तवायफों का इतिहास बहुत लंबा रहा है. राजा-महाराजाओं के दौर में इनका काम नाच-गाने का होता था.

तवायफों का काम अमीर लोगों का मनोरंजन करना ही नहीं होता था, बल्कि उनके बच्चों को तहजीब भी सिखाना भी होता था.

तवायफें हमेशा अपने उसूल की पक्की रहती थीं, वह अपने कायदे-कानून से कभी भी बाहर नहीं जाती थीं.

ऐसा ही एक उसूल उनका ये था कि नाच-गाने के दौरान वो अपना चेहरा ढक कर रखती थीं.

इलाहाबाद की तवायफ जानकी बाई जब भी कहीं जाती तो वह अपना चेहरा किसी को नहीं दिखाती थीं.

दरअसल, उनके चेहरे को एक ईर्ष्यालु प्रेमी ने चाकू मारकर बिगाड़ दिया था. उनके चेहरे पर 56 वार किए गए थे.

जानकी की जान तो बच गई लेकिन उसका चेहरा पूरा खराब हो गया था. इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.

वह अपने चेहरे को ढक कर नाच और गाना करती थी. उनकी सुरीली आवाज सबका दिल जीत लेती थी.

इसके बाद उनका नाम 'छप्पन छुरी' पड़ गया था. जानकी बाई को एक दिन रीवा के राजा ने कार्यक्रम के लिए अपने महल में बुलाया.

जानकी बाई की आवाज सुनकर वह भी प्रशंसक बन गए. राजा ने आदेश दिया कि वह अपना घूंघट हटाएं.

लेकिन जानकी बाई ने कहा कि वह क्रोध का सामना करना पसंद करेगी लेकिन अपना घूंघट नहीं हटाएगी.