Mar 13, 2025, 08:56 PM IST
मुगल हरम में महिलाएं कैसे खेलती थीं होली
Rahish Khan
14 मार्च का होली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से बनाए जाएगा. भेदभाव को भूलकर लोग एक दूसरे को गुलाल लगाएंगे.
होली मुगल काल में भी खेली जाती थी. बाबर से लेकर अकबर तक मुगल बादशाहों के राज में खूब होली खेली जाती थी.
'आइने अकबरी' में अबुल फजल ने लिखा कि अकबर को पिचकारी को इकट्ठा करने का शौक था.
होली के अवसर पर वह किले के बाहर जाकर लोगों के बीच होली खेलते थे. पिचकारी से रंग डालते थे.
इतिहासकार बताते हैं कि बाबर के काल से मुगल शासकों ने होली मनाना शुरू किया था.
होली खेलने के लिए लाल टेसू के फूल से रंग तैयार किया जाता था. फूलों को इकट्ठा कर पानी में उबाला जाता था.
उबले पानी को हरम में और महल के अन्य हौदों में भरा जाता था. उसमें गुलाब को पीसकर भी डाला जाता था.
इस रंग के पानी से महिला-पुरुष मिलकर होली खेलते थे. एक-दूसरे के ऊपर फूलों का रंग डालते थे.
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